ट्रेन से कटकर तीन हाथियों की दर्दनाक मौत, 5 घंटे बाधित हुई ट्रेन सेवा, वन विभाग व रेलवे ने एक दूसरे पर फोड़ा ठीकरा






पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम जिले के बाशतोला स्टेशन के पास एक भीषण रेल हादसे में तीन हाथियों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, रात करीब 1 बजे झाड़ग्राम स्टेशन से गुजर रही जनशताब्दी एक्सप्रेस एक हाथियों के झुंड के बीच से निकल गई, जिससे तीन हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हृदयविदारक हादसा स्थानीय लोगों, पर्यावरणविदों और वन्यजीव प्रेमियों के बीच चिंता का विषय बन गया है।





🚨 हादसा कैसे हुआ?

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, हादसे के वक्त हाथियों का एक दल रेलवे ट्रैक पार कर रहा था। अंधेरा और ट्रेन की रफ्तार अधिक होने की वजह से चालक समय पर ट्रेन रोक नहीं पाया, और ट्रैक पर मौजूद तीन हाथियों को कुचल दिया गया। इसके बाद कई घंटों तक रेल सेवाएं बाधित रहीं। वन विभाग और रेलवे अधिकारियों की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया।
⚠️ प्रशासनिक लापरवाही और समन्वय की कमी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही आम बात है, लेकिन इसके बावजूद रेलवे या वन विभाग की ओर से कोई चेतावनी या रोकथाम की व्यवस्था नहीं की गई थी।
स्थानीय लोग और कुछ रेलवे कर्मचारी पहले से हाथियों की मौजूदगी के बारे में जानते थे, फिर भी न तो ट्रेन की गति को कम किया गया और न ही कोई सिग्नल या अलर्ट जारी किया गया।
🐘 मृत हाथियों की जानकारी
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मरने वाले हाथियों में दो वयस्क और एक किशोर हाथी शामिल थे। घटना स्थल पर तीनों के शव ट्रैक पर पड़े हुए थे। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि इन हाथियों की मौत जैव विविधता और पारिस्थितिकी के लिए बड़ा नुकसान है।
🔍 जांच और जरूरी सुझाव
हादसे के बाद वन और रेलवे विभाग ने संयुक्त जांच शुरू की है। विशेषज्ञों ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कई जरूरी सुझाव दिए हैं:
हाथी कॉरिडोर की पहचान और बोर्ड लगाना
रेल पटरियों के पास अलर्ट सिस्टम (जैसे सेंसर, सायरन) स्थापित करना
रात में हाथी-प्रवण इलाकों में ट्रेनों की गति सीमित करना
स्थानीय समुदाय को निगरानी और सूचना प्रणाली में शामिल करना
📢 स्थानीय लोगों की नाराज़गी
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है, “हम अक्सर हाथियों को चलते हुए देखते हैं। हमने पहले भी वन विभाग को सूचित किया था, लेकिन समय पर कोई कार्रवाई नहीं होती।” उनका यह भी कहना है कि अगर स्थिति यही रही, तो आगे भी ऐसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं।
🧹 शव हटाने और पटरी साफ़ करने का कार्य जारी
रातभर घटनास्थल पर राहत कार्य चला। शनिवार सुबह मृत हाथियों के शवों को हटाया गया और ट्रैक की सफाई की गई। इसके बाद रेल सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं।

18.07.2025 को झारग्राम और सरडीहा स्टेशनों के बीच ट्रेन संख्या 12022 से हाथियों के टकराने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना
18 जुलाई 2025 की रात को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए गहरा खेद व्यक्त किया जाता है, जब बांसतला और सरडीहा स्टेशनों के बीच डाउन जन शताब्दी एक्सप्रेस के इंजन की चपेट में आने से तीन हाथियों की मौत हो गई। रेलवे वन्यजीवों की इस दुखद क्षति पर अत्यंत चिंतित है और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है।
हमने वन विभाग द्वारा दिए गए कुछ बयानों पर चिंता व्यक्त की है, जिनमें आरोप लगाया गया है कि क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही की पूर्व सूचना रेलवे को दी गई थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उपरोक्त विवरण तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है और भ्रामक है। वन अधिकारियों द्वारा संबंधित रेलवे अधिकारियों को हाथियों के झुंड की आवाजाही के बारे में लिखित या टेलीफोन पर कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई थी। एक सामान्य व्हाट्सएप ग्रुप है जिसमें देर रात यानी रात 10.56 बजे इस गतिविधि के बारे में एक संदेश पोस्ट किया गया था। लेकिन, यह अपेक्षित नहीं है कि सामान्य व्हाट्सएप ग्रुप के सभी सदस्य वास्तविक समय में, और वह भी लगभग आधी रात को, हर संदेश पढ़ें।
चूँकि मामला इतना गंभीर था, इसलिए संबंधित वन अधिकारियों को बिना किसी अनुवर्ती कार्रवाई के सामान्य व्हाट्सएप ग्रुप में केवल एक संदेश पोस्ट करने के बजाय, रेलवे के साथ लिखित या टेलीफ़ोन पर पुष्ट संवाद सुनिश्चित करना चाहिए था।
पूर्व में, वन अधिकारियों द्वारा लिखित ज्ञापन दिए गए थे, उदाहरण के लिए: ऐसा अंतिम ज्ञापन स्टेशन प्रबंधक, सरडीहा को 06.07.2025 को वन रेंज अधिकारी, मानिकपारा रेंज, झारग्राम से प्राप्त हुआ था और तदनुसार आवश्यकतानुसार गति प्रतिबंध लगाए गए थे। (प्रतिलिपि संलग्न)। दिनांक 08.05.2025, 01.04.2025, 14.02.2025, 27.01.2025, 24.01.2025 को हुई सभी पूर्व घटनाओं पर इसी प्रकार की कार्रवाई की गई थी।
इसके अतिरिक्त, रेलवे अधिकारियों ने वन अधिकारियों से 18.07.2025 को संयुक्त निरीक्षण/संयुक्त रिपोर्ट के लिए उपस्थित होने का अनुरोध किया था और अब यह निरीक्षण 19.07.2025 को किया जाएगा। मामले में आगे की जाँच जारी है।
वन अधिकारियों की ओर से उचित संचार में ढिलाई के कारण, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, जिसके परिणामस्वरूप बहुमूल्य वन्य जीवन की हानि हुई और हावड़ा-मुंबई मुख्य लाइन पर 5 घंटे से अधिक समय तक रेल परिचालन बाधित रहा।
हम वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वन विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि शमन उपायों को और मजबूत किया जा सके। इस घटना के आलोक में सुरक्षात्मक उपायों की समीक्षा और उन्हें बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
हम वन्यजीवों की हानि पर अपना खेद दोहराते हैं तथा सतत एवं समन्वित प्रयासों के माध्यम से जैव विविधता की रक्षा करने के अपने संकल्प की पुनः पुष्टि करते हैं।

Unfortunate Incident of Collision of Elephants with Train no. 12022 Between Jhargram & Sardiha Stations on 18.07.2025
It is acknowledged with deep regret about the unfortunate incident that occurred on the night of 18th July 2025, when three elephants were fatally hit by the locomotive of the DN Jan Shatabdi Express between Banstala and Sardiha stations. The Railways is deeply concerned about this tragic loss of wildlife and expresses its sincere sympathy.
We have noted with concern certain statements made by the Forest Department alleging that prior information about elephant movement in the area had been communicated to the Railways, but not acted upon.
The above version is not factually correct and misleading. No official communication was given by Forest Authorities either in writing or telephonically to the concerned railway authorities about the movement of elephant herds. There is a general whatsapp group in which one message was posted at late night i.e. at 10.56 pm about the movement. But, it is not expected to read each and every message of a general whatsapp group by all the members of the group in real time basis and that also near midnight.
Since matter was of such a grave nature, the concerned forest officials should have ensured confirmed communication with railway in writing or telephonically instead of merely posting a message in a general whatsapp group without any follow up action.
In past, written memos were served by the forest authorities, for example: last such memo was received by the Station Manager, Sardiha on 06.07.2025 from Forest Range Officer, Manikpara range, Jhargram and accordingly speed restrictions were imposed as required. (Copy enclosed). Similar actions were taken on all similar previous incidences dated 08.05.2025, 01.04.2025, 14.02.2025, 27.01.2025, 24.01.2025.
Further, Railway authorities already requested forest officials to join for a joint inspection/Joint Report on 18.07.2025 and now the same will be conducted on 19.07.2025. Further investigation in the matter is in progress.
Due to laxity in proper communication on the part of forest officials, this unfortunate incident took place resulting in loss of precious wild lives and further created disturbance to train operations for more than 5 Hrs on Howrah Mumbai main line.
We remain committed to ensuring the safety of wildlife and work in close coordination with the Forest Department to strengthen mitigation measures further. Steps are being initiated to review and enhance protective measures in light of this incident.
We reiterate our regret over the loss of wildlife and reaffirm our resolve to protect biodiversity through sustained and coordinated efforts.
