खड़गपुर में कुछ घंटों की बारिश से जलभराव, दुर्गा पूजा की तैयारियों में जुटे लोग परेशान, दीघा के मछुआरों को वापस आने के निर्देश , कोलकाता भी जलमग्न, विद्युत स्पर्श से कई मौत, मुख्यमंत्री ने की समीक्षा
खड़गपुर, 23 सितंबर, 2025
मंगलवार सुबह हुई कुछ घंटों की मूसलाधार बारिश के कारण कोलकाता की सड़कें जलमग्न हो गई। जमे हुए जल में विद्युत प्रवाह होने के कारण लगभग 7 लोगों की मौत हो गई।
ने खड़गपुर शहर के कई इलाकों को जलमग्न कर दिया है। सड़कों पर पानी भर जाने से लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जलभराव की यह समस्या ऐसे समय में उत्पन्न हुई है जब शहरवासी दुर्गा पूजा के उत्सव की तैयारियों में जुटे हुए हैं, जो अब से महज़ चार दिन बाद ही शुरू होने वाला है।
शहर के कई इलाकों, विशेषकर खड़गपुर नगरपालिका के आसपास के क्षेत्रों में, जल निकासी व्यवस्था की पोल खुल गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगरपालिका द्वारा जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण हर साल बारिश में इसी तरह के हालात पैदा हो जाते हैं। कई घंटों तक पानी सड़कों पर जमा रहता है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।
इस जलभराव ने एक बार फिर शहर की जल निकासी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे इस समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है। दुर्गा पूजा के त्योहार के ठीक पहले इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने से लोगों में आक्रोश है। उन्हें डर है कि यदि फिर से बारिश हुई तो त्योहार का रंग फीका पड़ सकता है।
फिलहाल, शहर के लोग जलभराव से परेशान हैं और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द इस समस्या से निजात मिल सके और वे त्योहार की तैयारियों को सुचारू रूप से आगे बढ़ा सकें।
दीघा के मछुआरों को वापस आने के निर्देश
पश्चिम बंगाल के दीघा तट सहित आसपास के तटीय इलाकों में मौसम में असामान्य बदलाव देखने को मिल रहे हैं। बंगाल की खाड़ी में गहरा निम्न दबाव बनने के बाद समुद्र उग्र हो गया है, जिससे बालू उठने, ऊँची लहरें और तेज़ हवाएँ देखने को मिल रही हैं। सरकार ने कोलकाता और उपकूलिय जिलों में विशेष सतर्कता की घोषणा कर दी है। पूर्व मिदनापुर ज़िला आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना यह निम्न दबाव अब स्थलीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है, जिससे समुद्री मौसम और अधिक अस्थिर हो गया है। दिघा में समुद्र की मुठ्ठी भर चट्टानों पर बड़ी-बड़ी लहरें उठ रही हैं; प्रवासी आकर्षक स्थलों पर भी समुंदर के किनारे जाने या तैरने से पहले सतर्क रहने की चेतावनी जारी है। उत्तरी एवं दक्षिणी बंगाल के तटीय इलाकों में भारी वर्षा की संभावना जताई जा रही है।
जिला प्रशासन ने अधिसूचना जारी की है कि कोई भी आपात स्थिति हो तो नियंत्रण कक्ष, नंबर ०३२२८-२६२७२८ पर फोन किया जाए। मछुआरों को निर्देश दिया गया है कि वे गहरे समुद्र से वापस लौट आएँ। तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को कहा गया है कि वे अपनी आवश्यक दस्तावेज़, मोबाइल फोन चार्जर, इमरजेंसी लाइट आदि तैयार रखें। पर्यटन स्थलों पर प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि भरी ज्वार-भाटा के दौरान पर्यटक समुद्र में न उतरें। स्थानीय आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया है कि अगले ४८ घंटों में स्थिति स्पष्ट होगी, जब यह निम्न दबाव पूरी तरह से स्थलीय इलाके तक पहुँच जाएगा और इसके प्रभाव का आकलन किया जा सकेगा।
कोलकाता में रात भर हुई मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त
कोलकाता: महानगर कोलकाता में रात भर हुई मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर के अधिकांश हिस्से पानी में डूबे हुए हैं, और बिजली के करंट लगने से सात लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद मोर्चा संभाला है और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रही हैं।
अभूतपूर्व बारिश और गंगा में ज्वार ने बढ़ाई मुश्किलें:
मुख्यमंत्री ने इस बारिश को “असामान्य” बताते हुए कहा कि यह एक तरह से बादल फटने जैसी घटना है। उन्होंने बताया कि इस संकट को गंगा में आए ज्वार (हाई टाइड) ने और भी गंभीर बना दिया है। ज्वार के कारण शहर के पानी की निकासी के लिए बने लॉक गेट को बंद करना पड़ा, जिससे जल निकासी की प्रक्रिया बाधित हुई। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बिहार और उत्तर प्रदेश से आ रहे पानी के साथ-साथ डीवीसी और पांशेत बांधों से छोड़े गए पानी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
शिक्षण संस्थान बंद: सभी सरकारी स्कूलों में पूजा की छुट्टियां समय से पहले घोषित कर दी गई हैं। निजी स्कूलों से भी आग्रह किया गया है कि वे कुछ दिनों के लिए छुट्टी घोषित करें। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन क्लास आयोजित करने की सलाह दी गई है।
वर्क फ्रॉम होम की अपील: निजी कंपनियों, विशेष रूप से आईटी क्षेत्र से, अनुरोध किया गया है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दें।
मृतकों के परिवारों को सहायता: मुख्यमंत्री ने बिजली के करंट से हुई मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति कंपनी (सीईएससी) को मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी और मुआवजा देना होगा, और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो राज्य सरकार यह जिम्मेदारी लेगी।
बिजली सुरक्षा पर जोर: उन्होंने सीईएससी के अधिकारियों से बात की है और उन्हें बिजली के तारों को ठीक करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने का निर्देश दिया है।
नागरिकों से अपील और भविष्य की चेतावनी:
मुख्यमंत्री ने आम जनता से अपील की है कि जब तक सड़कों पर पानी भरा हो, वे अपने घरों से बाहर न निकलें। उन्होंने कहा, “जब तक आप सड़क को अपनी आंखों से देख नहीं पा रहे हैं, तब तक कृपया घर पर रहें”।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, पंचमी से एक और निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे आगे भी बारिश हो सकती है। सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने एक टोल-फ्री नंबर स्थापित करने का भी निर्देश दिया है ताकि नागरिक बिजली या अन्य किसी भी समस्या से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकें।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बादल फटने जैसी भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर के कई हिस्सों में गंभीर जलजमाव हो गया है, जिससे सामान्य जीवन बाधित हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को, विशेष रूप से कार्यालय जाने वालों को, जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो, घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
भारी बारिश के कारण, राज्य सरकार ने 24 और 25 सितंबर को स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की है। शहर में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है, बस टर्मिनल और रेलवे लाइनें पानी में डूब गई हैं। दुखद रूप से, करंट लगने से सात से आठ लोगों की जान चली गई है।
मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की है कि उच्च ज्वार के साथ स्थिति और भी खराब हो सकती है। उन्होंने निजी क्षेत्र की कंपनियों से भी अपने कर्मचारियों की सुरक्षा पर विचार करने और उन्हें छुट्टी देने का आग्रह किया है। सरकारी कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया है कि काम से उनकी अनुपस्थिति को लेकर कोई समस्या नहीं होगी। प्रशासन स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं।