अक्टूबर में शुरू हो सकता है ‘सार’ बंगाल में, चुनाव आयोग ने दी स्पष्ट गाइडलाइन; ममता बनर्जी ने मतदाताओं को किया सतर्क






देश के विभिन्न राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों की बैठक में चुनाव आयोग (EC) ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि ‘सार’ (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) तैयारियाँ 26 सितंबर, अधिकतम 30 सितंबर तक पूरी की जानी चाहिए; तत्पश्चात पर्यवेक्षित तरीके से इसका संचालन तुरंत शुरू हो सकता है।




पश्चिम बंगाल के चुनावी अधिकारियों ने आयोजन की चुनौती बताते हुए कहा कि इसी अवधि में दुर्गापूजा, दीपावली, भाईफोंटा जैसे प्रमुख त्योहारों के चलते कार्यालयों में लगातार छुट्टी का माहौल रहेगा। इस कारण बंगाल को ‘सार’ के लिए अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग भी उठी। हालांकि आयोग ने कोई विशेष घोषणा नहीं की, फिर भी यह स्पष्ट किया गया कि इस प्रक्रिया में किसी भी विदेशी नागरिक की नामांकन प्रविष्टि वोटर सूची में नहीं होनी चाहिए — और किसी भारतीय वैध नागरिक का नाम अनावश्यक रूप से छूटने भी नहीं देना चाहिए।

राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी आशा करते हैं कि दीपावली के बाद यानी अक्टूबर के मध्य तक बंगाल में ‘सार’ प्रक्रिया का आरंभ संभव हो सकता है। साथ ही, आयोग ने चुनाव से जुड़े दस्तावेजों की स्वीकार्यता सूची तैयार करने का जिम्मा प्रत्येक राज्य को सौंपा है — इसमें स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध और मान्यता प्राप्त दस्तावेजों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अब आधार कार्ड को दस्तावेजों की सूची में बारहवें क्रम में जोड़ दिया गया है — हालांकि इसे केवल पहचान (ID) के रूप में ही इस्तेमाल किया जाएगा, नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाएगा। आयोग इसकी सत्यता भी जाँचेगा और आवश्यक होने पर अतिरिक्त दस्तावेज मांगने का अधिकार भी रखता है।
इसी बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि जिला प्रशासन को निर्देश मिलेगा—जिनके पास अभी तक आधार कार्ड नहीं हैं, उनके लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाए। ‘দুয়ারে সরকার’ (द्वार पर सरकार) पहल के तहत लोगों के द्वार जाकर आधार बनवाने की व्यवस्था शुरू की जाए।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने मतदाताओं को सतर्क रहने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा: “अपने नाम का चुनावी सूची में होना ही काफी नहीं; आने वाले छह–सात महीनों तक नियमित जांच करते रहें। यदि आपका नाम ऑफ़िशियल सूची में नहीं पाया, तो बाद में ‘एनआरसी कराओ’ जैसे दबाव बनेगा।”
बताया गया है कि आगामी वर्ष में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुदुचेरी में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है — और इन राज्यों में ‘सार’ को प्राथमिकता देकर लागू किया जा सकता है।
सारांश:
चुनाव आयोग ने ‘सार’ तैयारी 30 सितंबर तक पूरी करने का निर्देश दिया।
बंगाल में त्योहारों के चलते अक्टूबर में प्रक्रिया शुरू होने की संभावना।
आधार कार्ड पहचान दस्तावेज की सूची में शामिल, लेकिन प्रामाणिकता जांच के अधीन।
मुख्यमंत्री ने आधार शिविर लगाने और मतदाताओं को सतर्क रहने का आह्वान किया।
