अडाणी समूह में LIC के निवेश पर कांग्रेस का बड़ा आरोप, कहा- ‘सरकार के दबाव में हुआ सौदा’, संसदीय जांच की मांग






भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा अडाणी समूह में किया गया निवेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में किया गया था। कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण को एक ‘अपराध’ करार देते हुए इसकी जांच संसद की लोक लेखा समिति (PAC) से कराने की मांग की है।




यह विवाद एक अमेरिकी अखबार में छपी रिपोर्ट के बाद फिर से गरमा गया है, जिसमें एलआईसी के निवेश में सरकारी भूमिका का संकेत दिया गया है। कांग्रेस का आरोप है कि एलआईसी ने अडाणी समूह की कंपनियों में लगभग 33,000 करोड़ रुपये (करीब 3.9 बिलियन डॉलर) का निवेश किया, ताकि वित्तीय संकट के समय में उद्योगपति गौतम अडाणी की मदद की जा सके।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर 30 करोड़ एलआईसी पॉलिसीधारकों के पैसे को खतरे में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “क्या एक आम वेतनभोगी मध्यवर्गीय व्यक्ति, जो पाई-पाई जोड़कर LIC का प्रीमियम भरता है, उसे ये भी मालूम है कि मोदी जी उसकी ये जमा-पूंजी अडाणी को Bailout करने में लगा रहें हैं? क्या ये विश्वासघात नहीं है? क्या ये लूट नहीं है?”
खड़गे ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने “अपने सबसे अच्छे दोस्त” की जेब भरने के लिए आम जनता के पैसे का दुरुपयोग किया। कांग्रेस ने यह भी दावा किया है कि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग पर भी एक निजी कंपनी को बचाने के लिए दबाव डाला गया था।
LIC ने आरोपों को ‘आधारहीन’ बताया:
दूसरी ओर, एलआईसी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इन सभी आरोपों को ‘आधारहीन’ करार दिया है। एलआईसी ने स्पष्ट किया है कि उसके सभी निवेश निर्णय एक स्थापित प्रक्रिया और बोर्ड की नीति के अनुसार ही लिए जाते हैं, जिसमें शेयरधारकों और पॉलिसीधारकों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। अडाणी समूह ने भी अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
