हाथियों की लड़ाई से दो घंटे जाम, शालबनी में अफरा-तफरी






पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के शालबनी ब्लॉक में बुधवार की सुबह को एक अजीब लेकिन खतरनाक नज़ारा देखने को मिला। दो विशाल नर हाथी—जो “साथी” पाने की लालसा में थे—राज्य मार्ग पर आमने-सामने हो गए और उनकी संगिनी के लिए हुई यह संघर्ष करीब दो घंटे तक जारी रहा। इस कारण पिराकाटा–गोलतोड़ राज्य सड़क रंजा क्षेत्र में पूरी तरह से जाम हो गई।





स्थानीय जानकारी के अनुसार, हाथियों की यह झड़प शुरुआत जंगल के अंदर हुई, लेकिन संघर्ष इतना विकराल हो गया कि दोनों हाथी सड़क पर उतर आए। परिणामस्वरूप सड़क पर खड़े वाहनों की लंबी कतार बन गई। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए वन विभाग की टीम को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। बाद में दोनों लड़ाकू हाथी वापस जंगल की ओर चले गए।


मेदिनापुर वनविभाग के सहायक वन अधिकारी (ADF) कन्नू चक्रवर्ती ने बताया कि हाथियों के इन मुकाबलों की मुख्य वजह प्रजनन काल (मेटिंग सीजन) को माना जाता है। इस दौरान झुंडों में न होने वाला तनाव बढ़ जाता है, जिससे शक्तिशाली नर हाथी अक्सर एक-दूसरे के साथ या झुंड के नेतृत्व को लेकर टकरा जाते हैं। चक्रवर्ती ने यह भी चेतावनी दी कि सामान्य लोगों को ऐसे समय में जंगल या सड़क के पास नहीं जाना चाहिए क्योंकि अप्रत्याशित घटना हो सकती है।

विभागीय आंकड़ों की मानें तो मिदनापुर विभाजन में लगभग ५० हाथी हैं। ये अक्सर भोजन की खोज में जंगल से बाहर निकलते हैं, जिससे फसलों को भी नुकसान पहुँचता है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि वन और परिवहन विभागों को हाथियों के आवागमन व मानव-जानवर संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए और अधिक सतर्क उपाय करने की ज़रूरत है।
