पत्नी को जिंदा जलाने वाले पति को आजीवन कारावास, 5 साल बाद मिला न्याय
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में एक दिल दहला देने वाली घटना में, पत्नी की हत्या के दोषी पति को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हल्दिया अनुमंडल न्यायालय ने यह फैसला सुनाते हुए समाज को कड़ा संदेश दिया है। करीब पांच साल पहले हुई इस नृशंस हत्या के मामले में शनिवार को अदालत ने अपना अंतिम फैसला सुनाया।
क्या था पूरा मामला?
घटना 2 मार्च 2020 की है। नंदीग्राम थाना क्षेत्र के हबीबगढ़ निवासी असगर खान की बेटी हसीना बेगम (उर्फ आसमा खातून) का विवाह गदाइबलबाड़ी निवासी शेख राजू के साथ हुआ था। शादी के बाद से ही पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद होता रहता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 2 मार्च 2020 की रात करीब 10:30 बजे दोनों के बीच भारी झगड़ा हुआ। गुस्से में आकर शेख राजू ने अपनी पत्नी आसमा पर केरोसिन तेल छिड़क कर आग लगा दी।
आग की लपटों में घिरी आसमा जान बचाने के लिए घर के पास स्थित एक तालाब में कूद गईं। स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों ने उन्हें गंभीर हालत में बाहर निकाला और नंदीग्राम सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में हालत बिगड़ने पर उन्हें पूर्व मेदिनीपुर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ 9 मार्च 2020 को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
कानूनी प्रक्रिया और सजा
मृतका के भाई आलमगीर खान की शिकायत पर नंदीग्राम थाने में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक साल के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी थी। 28 जनवरी 2021 से शुरू हुए ट्रायल के दौरान कुल 16 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
मामले की सुनवाई करते हुए हल्दिया अनुमंडल न्यायालय के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यजीत माइती ने शेख राजू को हत्या का दोषी पाया। शुक्रवार को उसे दोषी करार दिया गया और शनिवार को सजा का ऐलान किया गया।
फैसला
अदालत ने दोषी शेख राजू को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने की स्थिति में उसे 6 महीने की अतिरिक्त जेल काटनी होगी। सरकारी वकील सोमनाथ भुइयां ने बताया कि साढ़े चार साल तक चले इस मामले में आखिरकार पीड़िता को न्याय मिला है।