डीएम ऑफिस के पास से फर्जी लॉटरी विक्रेता गिरफ्तार, सीआईडी की बड़ी कार्रवाई






पश्चिम बंगाल सीआईडी ने नकली लॉटरी टिकट घोटाले में एक बड़ी सफलता हासिल की है। जांच एजेंसी ने मेदिनीपुर शहर के अति-सुरक्षित माने जाने वाले कलेक्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय परिसर के भीतर से एक व्यक्ति को फर्जी लॉटरी टिकट बेचते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।




घटना का विवरण:

सीआईडी सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी की पहचान ‘टोटन दास’ के रूप में हुई है, जो मेदिनीपुर शहर के तांतीगेड़िया इलाके का रहने वाला है। अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि प्रशासनिक भवन के आसपास खुलेआम नकली लॉटरी का धंधा चल रहा है।
मंगलवार शाम को सीआईडी की एक विशेष टीम ने सादे कपड़ों में वहां जाल बिछाया। योजना के तहत, एक जासूस ग्राहक बनकर टोटन दास के पास गया और लॉटरी टिकट खरीदने की इच्छा जताई। जैसे ही आरोपी ने नकली लॉटरी टिकट निकाले, मौके पर मौजूद टीम ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
पूरे राज्य में फैला है जाल
जांच में यह बात सामने आई है कि यह रैकेट केवल मेदिनीपुर तक सीमित नहीं है। सीआईडी के अनुसार, राज्य के लगभग 78 थाना क्षेत्रों में नकली लॉटरी का कारोबार फैला हुआ है। इसमें उत्तर दिनाजपुर, उत्तर 24 परगना, हुगली और पश्चिम मेदिनीपुर जैसे जिले शामिल हैं। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि ये नकली टिकट कहां छापे जा रहे हैं और क्या इसके पीछे किसी प्रभावशाली व्यक्ति का हाथ है।
झाड़ग्राम से भी गिरफ्तारी
इस अभियान के तहत केवल मेदिनीपुर ही नहीं, बल्कि पड़ोसी जिले झाड़ग्राम में भी कार्रवाई की गई है। लालगढ़ पुलिस की मदद से सीआईडी ने शंभू रुइदास नामक एक अन्य विक्रेता को गिरफ्तार किया है। उस पर भूटान सरकार की नकली लॉटरी और सिक्किम व नागालैंड की लॉटरी के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप है। उसके पास से लाखों रुपये के जाली टिकट बरामद किए गए हैं।
प्रशासन पर सवाल
डीएम ऑफिस, आरटीओ और एसडीओ कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण दफ्तरों के बेहद करीब इस तरह का अवैध कारोबार चलने से सुरक्षा व्यवस्था और स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। विरोधियों का आरोप है कि पुलिस की उदासीनता के कारण ही अपराधी बेखौफ होकर सरकारी दफ्तरों के पास अवैध धंधा चला रहे हैं। वहीं, पश्चिम मेदिनीपुर के जिला मजिस्ट्रेट बिजीन कृष्णा ने कहा है कि प्रशासन मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है।
