December 19, 2025

रेलवे और तृणमूल पार्षद के बीच विकास कार्य को लेकर विवाद, वार्ड 27 में तनाव

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पश्चिम बंगाल के खड़गपुर नगर पालिका के वार्ड नंबर 27 में उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब रेलवे अधिकारियों और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) पार्षद के बीच विकास कार्य को लेकर तीखी बहस हुई। आरोप है कि रेलवे ने ‘आमार पाड़ा आमार समाधान’ (हमारा मोहल्ला हमारा समाधान) कार्यक्रम के तहत हो रहे सड़क निर्माण कार्य को बीच में ही रोक दिया।
क्या है पूरा मामला?
घटना खड़गपुर के बंगला साइड स्थित शिव मंदिर इलाके की है। वार्ड नंबर 27 के टीएमसी पार्षद रोहन दास के नेतृत्व में लगभग 100 फीट लंबी सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था। पार्षद का आरोप है कि कार्य के दौरान रेलवे के IOW (इंस्पेक्टर ऑफ वर्क्स) विभाग के अधिकारी और भारी संख्या में RPF (रेलवे सुरक्षा बल) के जवान मौके पर पहुंच गए। स्थिति तब और बिगड़ गई जब कथित तौर पर ADRM (अपर मंडल रेल प्रबंधक) भी वहां पहुंचे और काम रोकने का आदेश दिया।
पार्षद ने लगाया भेदभाव का आरोप
पार्षद रोहन दास ने रेलवे पर राजनीतिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, “यह टीएमसी का वार्ड है, इसलिए जानबूझकर बाधा डाली जा रही है। पास के वार्ड नंबर 26 में भी काम चल रहा है, जो भाजपा के अधीन है, लेकिन वहां रेलवे ने कोई आपत्ति नहीं जताई।” उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि वे विकास कार्य को रुकने नहीं देंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़े या लाठियां खानी पड़ें।
रेलवे का पक्ष
दूसरी ओर, रेलवे के IOW विभाग के अधिकारियों ने काम में बाधा डालने के आरोपों को खारिज किया है। सूत्रों के अनुसार, रेलवे की आपत्ति मुख्य रूप से अनुमति (Permission) को लेकर है। रेलवे का तर्क है कि जिस जमीन पर काम हो रहा है वह रेलवे की संपत्ति है और बिना उचित अनुमति के वहां निर्माण करना अवैध है। हालांकि, इस मामले में अभी तक रेलवे की ओर से कोई आधिकारिक लिखित बयान जारी नहीं किया गया है।
वर्तमान स्थिति
वीडियो के अनुसार, काफी विवाद और गहमागहमी के बाद रेलवे अधिकारियों को पीछे हटना पड़ा और पार्षद ने सड़क का काम पूरा करवाया। फिलहाल इलाके में राजनीतिक तनाव बना हुआ है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन और रेलवे को आपसी समन्वय से काम करना चाहिए ताकि जनहित के विकास कार्यों में कोई बाधा न आए।

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