बाढ़ग्रस्त गांव में सांस लेने के लिए संघर्ष: पुलिस ने 10 किमी जलपथ पार कर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया महिला के घर






पश्चिम मेदिनीपुर जिले के चंद्रकोणा रोड इलाके के राधापुर गांव में अचानक आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बारिश के कारण शिलाबती नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे गांव पूरी तरह पानी में डूब गया। चारों ओर पानी भर जाने के कारण गांव का बाकी इलाकों से संपर्क कट गया है। ऐसे संकट की घड़ी में प्रशासन और पुलिस राहत कार्यों में जुटे हैं।




इसी बीच गांव की एक महिला, जो पहले से ही सांस की गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं, अचानक ऑक्सीजन की कमी से तड़पने लगीं। गांव तक कोई एंबुलेंस या वाहन नहीं पहुंच पा रहा था क्योंकि रास्ते पूरी तरह पानी में डूबे हुए थे। महिला की हालत गंभीर होती जा रही थी।

ऐसे समय में चंद्रकोणा थाने की पुलिस ने इंसानियत की मिसाल पेश की। स्थानीय प्रशासन की मदद से पुलिस ने एक नाव का इंतज़ाम किया और जीवन रक्षक ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर करीब 10 किलोमीटर का जलमग्न रास्ता पार किया। कभी कमर तक पानी में चलकर, तो कभी नाव की मदद से, पुलिसकर्मियों ने वह सिलेंडर पीड़िता के घर तक पहुंचाया।
समय पर ऑक्सीजन मिलने से महिला की जान बच गई। फिलहाल उनकी तबीयत में सुधार है और उन्हें जल्द ही चंद्रकोणा ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराने की तैयारी चल रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है, “ऐसी बाढ़ हमने वर्षों बाद देखी है। गांव के बुजुर्ग और बीमार लोग सबसे ज्यादा संकट में हैं। पुलिस की यह मदद हमारे लिए संजीवनी जैसी है।”
चंद्रकोणा थाने के एक अधिकारी ने कहा, “ऐसे समय में लोगों की जान बचाना ही हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है। जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, हम अपनी ओर से हर संभव प्रयास करते रहेंगे।”
फिलहाल पश्चिम मेदिनीपुर जिले के कई गांव बाढ़ के पानी में डूबे हैं। कई इलाकों में बिजली नहीं है, सड़कें टूट गई हैं और जरूरी चीजों की भारी किल्लत है। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में लगातार जुटा हुआ है।
चंद्रकोणा पुलिस का यह साहसिक और संवेदनशील कदम आज पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। संकट की घड़ी में यह प्रयास न सिर्फ एक जान बचाने वाला काम बना, बल्कि इंसानियत की एक मिसाल भी पेश कर गया।
