सायन का शव पहुंचते ही अस्पताल में उमड़ा जनसैलाब, रो पड़े परिजन और दोस्त






बिष्णुपुर, बांकुरा, 25 जून 2025 — धारकेश्वर नदी में डूबने के एक दिन बाद, नवम कक्षा के छात्र सायन चटर्जी का शव जब बुधवार दोपहर को बिष्णुपुर अस्पताल लाया गया तब वहां का माहौल शोक में बदल गया। शव देखते ही परिजन दोस्त व स्थानीय लोग फूट कर रो पड़े।




मंगलवार को स्कूल के समय सायन अपने दो दोस्तों — अर्घ्यदीप दास और परमेश्वर मिश्रा के साथ नदी में स्नान करने गया था। तीनों नदी की तेज धारा में डूब गए थे। बुधवार सुबह अर्घ्यदीप और परमेश्वर के शव बरामद किए गए, जबकि कुछ समय बाद सायन का शव भी नदी के निचले हिस्से से बरामद हुआ।

सायन का शव जब अस्पताल लाया गया, तब पहले से ही वहां परिजन, स्कूल के शिक्षक, सहपाठी और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे। सायन की माँ अपने बेटे के शव देख चीख उठीं। पिता शांत, लेकिन भीतर से पूरी तरह टूटे हुए। दोस्तों की आंखों में आंसू और जुबान पर सिर्फ एक ही सवाल — “सायन क्यों चला गया?”
अस्पताल के बाहर भीड़ इतनी बढ़ गई कि पुलिस को व्यवस्था संभालनी पड़ी। प्रशासन की ओर से शव को पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंपा गया। आसपास के लोग अंतिम दर्शन करने के लिए कतार में खड़े रहे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सायन पढ़ाई में होशियार और व्यवहार में शांत स्वभाव का था। उसके जाने से सिर्फ एक परिवार नहीं, पूरा मुहल्ला टूट गया है।
इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है — “स्कूल के समय छात्र बाहर कैसे निकल गए? स्कूल की निगरानी कहाँ थी?”
प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और स्कूल से भी रिपोर्ट मांगी गई है।
सायन की असामयिक मृत्यु ने पूरे बिष्णुपुर को गहरे शोक में डुबो दिया है। यह सिर्फ एक छात्र की मौत नहीं, बल्कि एक होनहार भविष्य का अंत है — जिसे कोई भूल नहीं पाएगा।

घटना के अनुसार, बिष्णुपुर हाई स्कूल के तीन छात्र — सायन चटर्जी, अर्घ्यदीप दास और परमेश्वर मिश्रा — स्कूल के समय यूनिफॉर्म में ही धारकेश्वर नदी में स्नान करने गए थे, जहां तेज बहाव के कारण तीनों डूब गए।
घटना की जानकारी मिलते ही बिष्णुपुर थाना के आईसी, एएसपी और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया। मंगलवार को देर शाम तक तलाशी के बाद कोई सफलता नहीं मिलने पर रात को अभियान रोक दिया गया था।
