एयर इंडिया विमान दुर्घटना: अहम सबूत मिले, ब्लैक बॉक्स और DVR से खुलेगा हादसे का राज?






अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास गुरुवार को हुई एयर इंडिया के विमान की भीषण दुर्घटना के बाद जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। शुक्रवार को घटनास्थल पर खोजबीन के दौरान जांच एजेंसियों ने विमान का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) और ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। यह दोनों उपकरण किसी भी विमान दुर्घटना के पीछे की असली वजह जानने के लिए अत्यंत अहम माने जाते हैं।




सूत्रों के अनुसार, ब्लैक बॉक्स और DVR को विशेषज्ञों की टीमों ने सुरक्षित रूप से निकाल कर विश्लेषण के लिए भेज दिया है। इन उपकरणों में पायलट और को-पायलट के बीच हुई बातचीत, कॉकपिट के ऑडियो रिकॉर्डिंग, तकनीकी संकेत और उड़ान से जुड़े तमाम डाटा मौजूद होते हैं, जो यह बताने में मदद करते हैं कि दुर्घटना से पहले विमान में क्या गतिविधियां हो रही थीं।

हादसे की पड़ताल में मिले नए सुराग
जांच एजेंसियां अब DVR और ब्लैक बॉक्स के डाटा का विश्लेषण कर यह जानने की कोशिश करेंगी कि क्या यह दुर्घटना तकनीकी खराबी के कारण हुई, या फिर पायलट की ओर से कोई मानवीय त्रुटि हुई थी। कई बार मौसम संबंधी वजहें या रनवे पर किसी रुकावट के कारण भी ऐसे हादसे हो जाते हैं, जिनकी पुष्टि ब्लैक बॉक्स के जरिए ही संभव हो पाती है।
ब्लैक बॉक्स की भूमिका क्यों है अहम?
ब्लैक बॉक्स को दो हिस्सों में बांटा जाता है — फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)। FDR उड़ान से जुड़े हर तकनीकी पहलू जैसे गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति आदि को रिकॉर्ड करता है, वहीं CVR पायलट और अन्य कर्मचारियों के बीच हुई बातचीत को सुरक्षित रखता है।
इन रिकॉर्डिंग्स से जांच अधिकारी यह समझ पाते हैं कि दुर्घटना के समय पायलट किन परिस्थितियों का सामना कर रहे थे और उन्होंने कैसे प्रतिक्रिया दी।
जांच में तेजी, रिपोर्ट का बेसब्री से इंतज़ार
इस हादसे में कितने लोग हताहत हुए हैं, इस पर अभी तक अधिकारियों की ओर से कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। लेकिन DVR और ब्लैक बॉक्स के मिलने से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही दुर्घटना की असली वजह का खुलासा हो जाएगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया दोनों ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लैक बॉक्स के डाटा को पूरी तरह से विश्लेषण करने में कुछ सप्ताह तक का समय लग सकता है।
सवाल उठते रहेंगे, जब तक जवाब न मिलें
इस घटना ने एक बार फिर विमानन सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि हर संभावित खतरे की गहराई से जांच की जाए और उससे जुड़ी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
क्या ब्लैक बॉक्स से मिले आंकड़े इस हादसे की असली वजह को सामने ला पाएंगे? यह तो आने वाले समय में पता चलेगा, लेकिन एक बात साफ है – DVR और ब्लैक बॉक्स की बरामदगी से जांच को नई दिशा जरूर मिली है।
सरकार और एयरलाइंस को चाहिए कि इस जांच को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से अंजाम दिया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
