आवारा कुत्तों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, हलफनामा दायर न करने पर राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब






आवारा कुत्तों से जुड़ी समस्याओं और उनके प्रबंधन को लेकर दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों के अनुपालन पर राज्यों से हलफनामा मांगा था, लेकिन अधिकांश राज्यों द्वारा ऐसा न किए जाने पर शीर्ष अदालत ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है।




अदालत ने कहा कि अब तक केवल तीन राज्यों – पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली – ने ही इस मामले में अपना हलफनामा दायर किया है। दो महीने बीत जाने के बाद भी अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से जवाब न मिलने पर जस्टिस विक्रम नाथ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि इस देरी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि पर बुरा असर पड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, उन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया है, जिन्होंने अभी तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया है। अदालत ने इन सभी अधिकारियों को 3 नवंबर तक अपना जवाब देने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट यह जानना चाहता है कि राज्य सरकारें 2023 के एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों को लागू करने के लिए क्या कदम उठा रही हैं। अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया है कि आवारा कुत्तों के प्रबंधन के साथ-साथ आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
