December 5, 2025

प्रतिष्ठित व्यवसायी अनिल भंडारी पंचतत्व में विलीन, सभी को साध लेने की वृत्ति थी अनिल में

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खड़गपुर, शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी अनिल भंडारी का अंतिम संस्कार आज दोपहर स्थानीय मंदिर तालाब में किया गया जिसमें बड़ी संख्या में उसके शुभचिंतक शामिल हुए। ज्ञात हो कि अनिल का गोवर्धन पूजा के दिन सुबह 10.30 बजे हृदय गति रुक जाने से  खरीदा, पंजाब बैंक समीप आवास में हो गया था। अनिल कल सुबह नित्यकर्म से निबटकर मंदिर व बाजार गए थे जिसके बाद घर में बैठे बैठे अचानक नहीं रहे। पता चला है कि दो साल पहले उन्हें नित्यकर्म करने में परेशानी हुई थी जिसके बाद वे हैदराबाद जाकर इलाज कराए थे व बिलकुल सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे थे। अचनाक हुई निधन से परिवार व शुभचिंतक सदमे में है। अनिल अपने पीछे अपनी पत्नी दो बेटे व तीन पोती छोड़ गए हैं। अनिल का बड़ा बेटा विवेक गोलबाजार में भंडारी इटीरियर संभालता है। जबकि छोटा विनीत विदेशी एयरलाइंस सेवा से जुड़े हैं। विवेक की दो बेटियां है जबकि विनीत की एक। तीन भाईयों में अनिल सबसे छोटे है विनोद सबसे बड़ा व प्रकाश मझला। प्रकाश जयपुर में मीडिया में स्पोर्ट्स सेक्शन से जुड़े रहे।

 

सभी को साध लेने की वृत्ति थी अनिल में
व्यावसायिक घराने से होने के अलावा स्व. अनिल को सामाजिक कार्यों में भी रुचि थी । भुलन ने बताया अनिल के चाचा के सी भंडारी खड़गपुर टाउन कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। अनिल 2001 में रेल के साथ भाड़ा को लेकर दुकानदारों का विवाद शुरु हुआ तो वे चेंबेर आफ कार्मस के सुपर कमेटि के चेयरमैन बने। व्यवसायी व पड़ोसी रुपनारायण गुप्ता का कहना है व्यापारियों की समस्या को लेकर वे अपनी राय बेबाक रखते थे फिर चाहे कोई बड़े अधिकारी क्यों ना हो। कांग्रेस समर्थक होते हुए भी सभी के साथ संबंध बनाकर रखते थे। सामाजिक कार्यों में उन्हें दिलचस्पी थी। 72 वर्षीय मधुरभाषी अनिल का जन्म गोलबाजार के दुकाननंबर 5 में ही हुआ था। तत्कालीन ब्वायज हायर सेकेंड्री स्कुल से इंटर करने के बाद खड़गपुर कालेज से स्नातक की पढ़ाई की थी।
दादा धनरुप मल भंडारी ने जमाया था व्यापार जगत में सिक्का
भंडारी परिवार मूलतः यूपी के श्वेतांबर धर्मावलंबी हैं लेकिन अनिल के दादा धनरुप पाल भंडारी ने गोलबाजार में व्यवसाय शुरु किया था। भंडारी परिवार शहर के जाने माने प्रतिष्ठित व्यावसायिक परिवार है। भंडारी परिवार के नाम पर ही गोलबाजार में भंडारी चौक पड़ गया। धनरुप के कुल चार पांच बेटे थे। जिसमें से ज्ञानचंद भंडारी के बेटे अनिल है। जबकि चाचा विजय का परिवार भंडारी आटोमोबाईल कारोबार से जुड़ा है।
चेंबर आफ कामर्स ने जताया शोक
चेंबर आफ कामर्स के महासचिव बजरंग वर्मा ने अनिल के आकस्मिक निधन पर शोक जताते हुए कहा कि चेंबर सदैव शोक संतप्त परिवार के साथ है उन्होने कहा कि अनिल का व्यक्तित्व ही ऐसा था कि वे सदैव लोगों के दिलों में रहेंगे।

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