खड़गपुर। बंगलोर मे मृत हृदय रोगी महिला की शव को गांव मे जलाने नहीं देने पर बाध्य होकर जंगल में दफनाना पड़ा। उक्त घटना खड़गपुर नम्बर एक प्रखंड के हरियातारा अंचल के पोड़ाडिहा गांव की है ग्रामीँणों में कोरोना का आतंक किस कदर बस गया है यह घटना बयान करने के लिए काफी है। जानकारी के मुताबिक पोड़ाडिहा ग्राम के निवासी झाड़ेश्वर महतो की पत्नी मीरा महतो हृदय रोग से पीड़ित थी जिसे उपचार के लिए बंगलोर ले जाया गया लेकिन कोरोना रोगियों के उपचार के दबाव मे मीरा महतो को अस्पताल मे दाखिला नहीं लिया गया
जिसके बाद रोगी की तबीयत बिगड़ती गई व आखिरकार 28 मार्च को मारी गईं .इस बीच लाकडाउन शुरू हो जाने के वजह से मुसीबतों का सामना करते हुए झाड़ेश्वर अपनी पत्नी के शव लेकर बंगलोर से खड़गपुर सोमवार को अपने गांव पहुंचा जहां गांव वालों ने कोरोना के दहशत में गांव मे प्रवेश से रोका जिसके बाद मेदिनीपुर ले जाया गया वहां भी बिजली चूल्हे में ना जला पाने से पुलिस लाश को वापस गांव ले आया लेकिन लोगों को विरोध को देखते हुए दिन भर की मशक्कत के बाद शव को जंगल में दफना कर अंत्येष्टि की गई।
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