literature
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है– कुछ इनहीं भावों के...
आईआईटी खड़गपुर में हिंदी दिवस समारोह आयोजित, हिंदी के प्रति निष्ठा एवं भारतीय भाषाओं को अपनाने का लिया गया संकल्प
खड़गपुर,भाषा एवं बोली मात्र कुछ शब्दों का संग्रह नहीं है यह हमारी प्राण ऊर्जा है,...
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल- हिंदी दिवस की सार्थकता
मनीषा झा खड़गपुर, हिंदी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा होने के बावजूद हिंदी को...
मेरी सब मौन व्यथाएं, मेरी पीड़ा का परिचय–सुभद्रा कुमारी चौहान के जन्म दिवस पर विशेष
मनीषा झा खड़गपुर, आजादी का बिगुल बजाने वाली कालजयी कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म...
मेहनतकश रो रहे ….!! तारकेश कुमार ओझा
कोरोना और लॉकडाउन के पश्चात परिस्थितियां कुछ यूं बनती जा रही है कि आदमी अपनी...
कविता संग लिट्टी चोखा और दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ- एक अनोखा सामंजस्य
मनीषा झा, खड़गपुरः- लिट्टी चोखा बिहार, झारखंड व पूर्व उत्तर प्रदेश का प्रमुख भोजन है।...
गणतंत्र: शर्मनाक उपहास !
गणतंत्र: शर्मनाक उपहास ! जहाँ सदा तिरंगा लहराता था; बलिदानी कथा सुनाता था। जिसे देखकर...
